ग्लोबल ग्लोबल क्या है? वैश्विक स्थाई के कारण, प्रभाव और रोकने के उपाय | ग्लोबल वार्मिंग हिंदी में | aahar jharkhand

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दोस्तों जैसा की अभी तक आप ग्लोबल ओपनिंग के बारे में सुना तो होगा लेकिन इसका अर्थ क्या है ये नहीं जानते। हमारी पृथ्वी पर जो तापमान बढ़ रहा है और मौसम में परिवर्तन हो रहा है, वह सब ग्लोबल वार्मिंग की वजह से हो रहा है। धरती का तापमान दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। धरती पर कई बड़े पैमाने पर वृद्धि हो रही है। ग्लोबल वार्मिंग से धरती पर बने रहे सभी जीव-जंतु, मनुष्य, पेड़-पौधों को नुकसान पहुंच रहा है। यह एक बहुत ही गंभीर समस्या है। जिसका निवारण अति आवश्यक है। इस समस्या को खत्म करने के लिए हम सभी सबसे पहले एक काम करेंगे। तो आइए जानते हैं, ग्लोबल ग्लोबल क्या है? वैश्विक स्थायीकरण के कारण और रोकने के उपाय और उससे सभी जानकारी को लेने के लिए हमारे लेख को विस्तारपूर्वक अंत तक पढ़ें।

ग्लोबल वार्मिंग हिंदी में

ग्लोबल ग्लोबल क्या है?

ग्लोबल ग्लोबल वार्मिंग को प्राकर्तिक आपदा भी कहा जाता है। यह ऐसी आपदा है, जिसका प्रभाव धीरे-धीरे लोग झेल रहे हैं। ग्लोबल वार्मिंग की वजह से पृथ्वी का तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है। और किस वजह से सीजन में बदलाव हो रहा है। मौसम परिवर्तन से बारिश के तरीके में बदलाव और उन बदलावों से ग्लेशियर पिघल रहे हैं। इस दशा में समुद्र का जल स्तर बढ़ जाता है। और वनस्पति व जीव-जंतु पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। वर्षा की वजह से कभी-कभी बारिश के मौसम में बारिश हो जाती है और कभी बारिश के मौसम में भी सूखा पड़ जाता है। ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले नुकसान की भरपाई करना बहुत मुश्किल है।

यह दुनिया की सबसे बड़ी समस्या है। बहुत से लोग ग्लोबल पोजिशन से होने वाले नुकसान के बारे में नहीं जानते हैं। या फिर जानकर भी अनजान बना देता है। ग्लोबल ग्लोबल वार्मिंग क्या है? और दुनिया को इससे कितना खतरा है, ये हम आपको बताते हैं।

ग्लोबल ग्लोबल ग्रोथ कैसे बढ़ती है?

जब पृथ्वी पर दीपक के कटने से प्रदूषण होता है, तो जंगल में आग लगती है, वातावरण में कार्बन डाई के निशान की मात्रा बढ़ जाती है और मुख्तार से बहुत अधिक मात्रा में हानिकारण धुआँ बनता है तो ये सब वातावरण में अन्य तत्वों के साथ मिलकर हमारे इसकी परत को नुकसान होता है। उसकी प्रतिक्रिया का मुख्य कार्य होता है। सूरज से सूरज की रोशनी की हानिकारण किरणें परतदार किरणों को नष्ट करके पृथ्वी की सतह पर पहुंच जाती हैं। इससे माहौल में कई बदलाव होते हैं। और यही बदलाव पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।

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ग्लोबल वार्मिंग के कारण

अधिक वनों की चराई

  • पेड़-पौधों में ऑक्सीजन होता है। और कार्बन डाई को ग्रहण करता है। लेकिन इंसान घरेलु और पेशेवर खूबसूरती को पूरा करने में कैमरे को छोटा कर रहा है। इससे वातावरण में कार्बन डाई की मात्रा बढ़ रही है। उससे पर्यावरण में पैदा हो रहा है।

वाहन का अधिक प्रयोग

  • वाहन हमारे लिए है। इससे हमारा समय बचा है। लेकिन आज के समय में इसकी ट्रेनों का अधिक उपयोग किया जा रहा है। थोड़ी सी पूरी तय करने के लिए वाहन का प्रयोग करना। वाहन से निकलने वाला गन्दा धुआँ, पर्यावरण के तापमान को बड़ा कर रहा है।

हाइलाइटफ्लोरोकार्बन

  • आज के समय में हर किसी के घर में एसी और तीव्र है। ये उपकरण कुछ समय के लिए सही है इससे इनसे निकलने वाली गैस ही पर्यावरण के तापमान में वृद्धि हो रही है। स्टार्टिंग गैस हाइलाइटफ्लोरोकार्बन होती है। इससे वायुमण्डल में मौजूद कार्य-क्षमताओं को क्षति पहुँचती है। ये परत सूरज से खतरा वाली मैसेज से हमें बचाती है। परत के नुकसान से सूरज की खस्ता किरणें धरती पर बदल जाती हैं जिससे वातावरण का तापमान बढ़ जाता है।

जनसख्या वृद्धि

  • धरती पर हर दिन जनसंख्या वृद्धि हो रहा है। जनसख्या वृद्धि से मनुष्य द्वारा अधिक मात्रा में कार्बन डाई लसीका छोड़ दिया जाएगा। जिससे भी माहौल का तापमान बढ़ेगा।

आग लगना

  • हर साल किसी न किसी जंगल में आग जम जाती है। उस आग से खतरनाक वातावरण की अन्य गैसों के साथ मिल गया है। जिसकी वजह से भी तापमान बढ़ता है।

विज्ञापन की बढ़ती संख्या

  • देश के विकास के लिए और अधिक उद्योगों का खुलासा हो रहा है। उन मैं खतरनाक खतरनाक गैस भी ग्लोबल वार्मिंग का प्रमुख कारण है।

अपराध बोध –

  • कृषि प्रदान भूमि को बचाने के लिए कीड़ों से अपराधीकरण जैसे गैर-संबंधियों को फील्ड में डाला जा रहा है। ये सिर्फ मिट्टी को ही नुकसान नहीं पहुंचता है। बल्कि पर्यावरण मीथेन, नाइट्रासस कड़वा, कार्बन डाई जैसा हानिकारक गैसों को पर्यावरण में छोड़ देता है।

ग्रीन हाउस प्रभाव –

  • ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाने का एक प्रमुख कारण यह भी है। इसके प्रभाव से वातावरण में जान गई कार्बन डाई अन्योक्तिफ्लोरो कार्बन और अन्य खतरनाक गैस मिल जाती है जिससे गैस का वातावरण चला जाता है जिससे ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।

ग्लोबल वार्मिंग के प्राकृतिक कारण

  1. ज्वाला फटना – ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए आग लगाना एक प्राकृतिक कारण है। जब किसी जगह पर आग लगती है, तो उससे खतरनाक खतरनाक गैस का वातावरण फैल जाता है। और वातावरण को नुकसान पहुंचता है।
  2. जलवाष्प – जब पृथ्वी का तापमान अधिक बढ़ जाता है, तो समुद्र और अन्य जल विकिरण से जल वाष्पित होने का कार्य होता है। अधिक जल वाष्पित होने से वह वातावरण में बना रहता है वैश्विक प्रोत्साहन को बढ़ावा देता है।

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ग्लोबल स्थाई रोकने के उपाय

ग्लोबल वार्मिंग एक गंभीर समस्या है, हमारे आने वाले भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं, इसलिए इसका निदान करना बहुत जरूरी है। नीचे जाने ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के उपाय –

  • वातावरण में मौजूद पेड़-पौधे ऑक्सीजन इसे और कार्बन डाई को ग्रहण करता है। इसलिए अधिक-से- अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए।
  • घबराहट में व्यवहार नहीं करना चाहिए।
  • देश में बढ़ रही जंनसख्या वृद्धि को कम करने के लिए लोगों में जागरूपता शिलानी बहुत जरूरी है।
  • जो संभावित रूप से महत्वपूर्ण का अधिक प्रयोग नहीं करना चाहिए। जब अधिक ट्रेन हो तो तभी इनका प्रयोग करें। या फिर आप साइकिल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • अधिक मात्रा में एसी और तीव्र का उपयोग न करें। ये पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के साथ-साथ हमारे स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचाता है।
  • ऐसी वस्तु का प्रयोग करने से जो बचा नहीं जा सकता है। जैसे – प्लास्टिक। ये ऐसी चीज है, जो कभी नष्ट नहीं होती। ऐसे माहौल से कार्बन डाई के धब्बे की मात्रा बढ़ती जा रही है। हो सके तो ऐसी वस्तु का प्रयोग करके आप अपने घर में भी रिसायकिल कर सकते हैं।
  • ज्यादा-से लोगों को ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरूक होना होगा। और ग्लोबल ग्लोबल रहने से होने वाले नुकसान के बारे में बताएंगे। उसके लिए हम गांव और छोटे निगमों में जागरूपता अभियान कर सकते हैं। इसके अलावा आप अपने परिवार, दोस्तों और आस-पास के लोगों को भी ग्लोबल वार्मिंग के बारे में बता सकते हैं।

ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले प्रभाव

वैश्विक परिदृश्य कैसे हमारे वातावरण में मौजूद वनस्पतियों और जीव-जंतु को प्रभावित करता है, ये हम नीचे जानेगे।

वसीयत में बदलाव

  • ग्लोबल वार्मिंग का लगातार प्रकोप से जीवों में परिवर्तन हो रहा है। दुनिया के कई ऐसे देश जहां हर साल बाढ़ या फिर कभी सूखा पड़ता है। इसका प्रमुख कारण ग्लोबल वार्मिंग का गहरा प्रभाव है।

तापमान में वृद्धि

  • इसकी वजह से धरती पर लगातार तापमान बढ़ रहा है। निरन्तर तापमान बढ़ने से ग्लेशियर अधिक मात्रा में पिघल रहे हैं। समुद्र का जलस्तर बढ़ रहा है। समुद्री जीव-जंतु और तत्वों का जीवन समाप्त हो रहा है। भविष्य में इसका बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

कृषि पर बुरा प्रभाव

  • ग्लोबल ग्लोबल प्लांट का पूरा प्रभाव कृषि क्षेत्रों में भी पड़ रहा है। इसकी वजह से कृषि भूमि पर पहले की तुलना में अब फसल की भविष्यवाणी अच्छी नहीं हो रही है। मिट्टी का गुण कम हो गया है, आने वाले समय में ये समस्या और बढ़ सकती है। भविष्यवाणी कम होने से घटेगी। किसी भी व्यक्ति के भोजन की कमी हो जाएगी।

मृत्यु दर में वृद्धि

  • पर्यावरण परिवर्तन की वजह से देश में कई प्रकार की गंभीर बीमारी फैल रही है। इसके अलावा हर साल बाढ़ और सूखे की समस्या सामने आ रही है, जिसकी वजह से और भी मौत हो रही है। ग्लोबल वार्मिंग से मनुष्य पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।

अधिक गर्मी पड़ना

  • अत्यधिक गर्मी होने की वजह से पृथ्वी पर रेगिस्तान का क्षेत्र बढ़ रहा है, ऐसा माना जाता है कि आने वाले समय में इससे अधिक गर्मी पढ़ सकती है।

प्राकृतिक आवास का नुकसान

  • पर्यावरण में होने वाले वैश्विक परिवर्तन से जीव-जंतु के आवास को नुकसान पहुंच रहा है। ऐसी स्थिति में कई लोग आपने आवास में रहने के लिए मजबूर हैं। पहले की तुलना में अभी तक कई जीव-जंतु फेक हो गए हैं। ये भी बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग का कारण है।

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वैश्विक आधार से सबसे खराब प्रभाव पड़ता है

वैश्विक आधार से दिन-प्रतिदिन की प्रतिक्रियाओं का बहुत बुरा प्रभाव पड़ रहा है। मूलतः मुख्य रूप से ऑक्सीजन के तीन परमाणु मेल खाते हैं। ओस परत के माहौल में दो अलग-अलग जगह ऊंचा वातावरण और जमीन के स्तर पर होता है। अत्यधिक वातावरण की परत सूरज से खतरे की आशंकाएं, पृथ्वी पर आने से आपस में जुड़ती हैं। ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने से हर दिन ओस की परत पर छेद होता जा रहा है। जिससे वह पूरी तरह से पृथ्वी की सतह पर पहुंच जाता है।

जिसकी वजह से मौसम में लगातार बदलाव आना और ग्लेशियर का दिन-प्रतिदिन चहलपहल, धरती के तापमान में वृद्धि होना और जीवंत होना आदि। ये सभी करक ग्लोबल ग्लोबल स्थिति से किसी भी प्रतिक्रिया पर होने वाले नुकसान की वजह से हो रहा है। यदि इसे रोका न जाए तो एक दिन पूरी पृथ्वी का नाश हो जाएगा। इसलिए मानव की देनदारी बनती है, कि उसकी परत को नुकसान नहीं होता। ओसे की परत को पृथ्वी का बचाव कवच भी कहा जाता है।

ग्लोबल ग्लोबल ग्लोबल से जुड़े हुए सवालों के जवाब (FAQs)

ग्लोबल ग्लोबल क्या है?

जब पृथ्वी के वातावरण में तापमान की मात्रा में वृद्धि और मौसम में निरंतर परिवर्तन होता है तो उसे वैश्विक चेतावनी कहा जाता है। मौसम परिवर्तन होने से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। ऐसे में समुद्र का स्तर बढ़ रहा है। तो यह मनुष्य के जीवन के लिए सही नहीं है।

ग्लोबल वार्मिंग बढ़ने के क्या कारण है?

ग्लोबल वार्मिंग को कम करने का एक सीधा कारण है। ग्लोबल ग्लोबल फॉर्मैट बढ़ने के दो कारण हैं। प्राकृतिक और कृतिम। जैसे – जनसंख्या वृद्धि, अधिक वाहन का प्रयोग, ज्वाला, अधिक वृक्षों को काटना, नामांकित और लिप्यंतरण, ग्रीन हाउस प्रभाव और बढ़ती संख्या आदि सभी कारण हैं।

ग्रीन हाउस का प्रभाव ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा रहा है किस तरह का है?

वर्तमान समय में लोग फसल की अच्छी भविष्यवाणी के लिए ग्रीन हाउस का प्रयोग कर रहे हैं। ग्रीन हाउस के अंदर सर्दी में गर्मी और गर्मी में ठंडक होती है। ग्रीन हाउस में जब जल वाष्प की मात्रा बढ़ जाती है

ग्लोबल वार्मिंग से क्या शुद्ध प्रभाव पड़ते हैं?

ग्लोबल वार्मिंग अधिक बढ़ने से पृथ्वी के तापमान में वृद्धि, अधिक बीमारी बढ़ने से मृत्यु दर में वृद्धि, वृक्षों में परिवर्तन, कृषि भूमि का नुकसान, समुद्र में पानी की मात्रा का बढ़ना और बर्फ का अधिक पिघलना आदि ये सभी संकट उत्पन हो रहे हैं।

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